Teachings of Lord Kapila- Hindi (हिंदी)

प्राचीन युग में भगवान् कृष्ण के अवतार भगवान् कपिलदेव माता देवहूति के पुत्र के रूप में प्रकट हुए थे। जब उनके पति घर से वन में गये थे, तब भगवान् कपिल ने अपनी | पुण्यशील माता को सांख्य योग का उपदेश दिया- सांख्य अर्थात् ब्रह्मांड, चेतना का स्वभाव एवं प्रत्येक वस्तु के उद्गम के ज्ञान का विश्लेषणयुक्त मार्ग। इस ग्रंथ में | वैदिक दर्शन एवं धर्म के विश्व में सर्वाधिक विद्वान गुरु, श्रील प्रभुपाद दर्शाते हैं कि भगवान् कपिल के प्राचीन उपदेश वर्तमान समाज के लिए भी कितने युक्तिसंगत हैं कि आज भी मनुष्य अपने प्रश्नों का उत्तर ढूँढ़ने में इससे मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है यथा आत्मा का मूल स्वभाव, सृजन कर्ता एवं वास्तविक सुख की खोज इत्यादि ।

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Description

भगवान कपिल एक प्रसिद्ध ऋषि और सांख्य नामक दार्शनिक प्रणाली के लेखक हैं, जो भारत की प्राचीन दार्शनिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कपिला मुनि, प्राचीन काल के एक प्रसिद्ध ऋषि, दार्शनिक प्रणाली के लेखक हैं जिन्हें साख्य के नाम से जाना जाता है, जो भारत की प्राचीन दार्शनिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साख्य तत्वमीमांसा की एक प्रणाली है, जो भौतिक ब्रह्मांड के मौलिक सिद्धांतों से निपटती है, और आध्यात्मिक ज्ञान की एक प्रणाली है, जिसकी अपनी पद्धति है, जो सर्वोच्च निरपेक्ष की पूर्ण चेतना में परिणत होती है। हालाँकि, कपिल कोई साधारण दार्शनिक या ऋषि नहीं हैं। वैदिक परंपरा के अनुसार, भारत के प्राचीन शास्त्र साहित्य की परंपरा, वह स्वयं सर्वोच्च परम सत्य का अवतार है।

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