Description
“हरिनाम कीर्तन” शब्दों का अर्थ है “हरि,” जो कि परम दिव्य या भगवान को सूचित करता है, और “नाम कीर्तन,” जिसका अर्थ है पवित्र नामों का गायन या मंत्रजाप करना। हिन्दू और सिख धर्म के संदर्भ में, यह सामान्यत: ईश्वर के नामों का गायन या मंत्रजाप करने का भक्तिमय अभ्यास को सूचित करता है।
हरिनाम कीर्तन में, व्यक्तियाँ या समूह ईश्वर के नामों को गाते या मंत्रजाप करते हैं। यह प्रथा भक्ति का एक रूप मानी जाती है और इसे सामान्यत: संगीत यंत्रों, तालमेल, और नृत्य के साथ संगीत होता है। इसका उद्देश्य व्यक्ति को परम वाइब्रेशन में डालना और आध्यात्मिक जड़न की भावना को बढ़ावा देना है।
यदि आप “हरिनाम कीर्तन” से संबंधित कोई विशिष्ट हिंदी पाठ ढूंढ़ रहे हैं, तो इसमें सामान्यत: परम दिव्य नामों या मंत्रों का बार-बार उच्चारण शामिल है, जैसे कि “हरे कृष्ण” जो इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कंशसनेस (एसकॉन) के संदर्भ में है या विभिन्न परंपराओं में अन्य दिव्य नाम। प्रतिभक्ति व्यक्त करने के लिए प्रतिभागी इन पवित्र ध्वनियों का बार-बार अभ्यास करते हैं। पाठों में भगवान की स्तुति के लिए प्रार्थनाएं, भजन या दिव्य की स्तुति शामिल हो सकते हैं।
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