Prabhupad (Hindi)

भगवान् के महान अनन्य भक्त पतित आत्माओं के प्रति दयालु होते हैं और इसलिए वे जीवात्माओं को पुनः अपने घर भगवद्धाम वापस लाने के कार्य से पूरे संसार में यात्रा करते हैं। भगवान् के ऐसे विशुद्ध भक्त पतित आत्माओं का उद्धार करने के लिए भगवान् का संदेश लेकर आते हैं और इसलिए सामान्य मनुष्य को, जो भगवान् की बहिरंगा शक्ति के प्रभाव से भ्रमित हुआ है, उनकी संगति का लाभ उठाना चाहिए।”

श्रीमद्भागवतम् (३५३) के भक्तिवेदान्त तात्पर्य में से

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Description

भगवान् के महान अनन्य भक्त पतित आत्माओं के प्रति दयालु होते हैं और इसलिए वे जीवात्माओं को पुनः अपने घर भगवद्धाम वापस लाने के कार्य से पूरे संसार में यात्रा करते हैं। भगवान् के ऐसे विशुद्ध भक्त पतित आत्माओं का उद्धार करने के लिए भगवान् का संदेश लेकर आते हैं और इसलिए सामान्य मनुष्य को, जो भगवान् की बहिरंगा शक्ति के प्रभाव से भ्रमित हुआ है, उनकी संगति का लाभ उठाना चाहिए।”

श्रीमद्भागवतम् (३५३) के भक्तिवेदान्त तात्पर्य में से

Additional information

Weight 0.422 kg
Dimensions 21 × 13 × 2 cm

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